बीज उपचार

सामान्य बीज उपचार :

बिजार्इ से पहले बीज को 5 ग्राम एमिसान + 1 ग्राम स्ट्रैप्टोसार्इक्लिन + 1 ग्राम सक्सीनिक तेजाब को 10 लीटर पानी में बनाये घोल में 5-6 कि.ग्रा. रोएंदार रोयें वाले बीज का 6-8 घण्टे तक तथा 6-8 कि.ग्रा. उतारे गये बीज का केवल 2 घण्टे तक ही उपचार करें

जड़ गलन रोग की रोकथाम के लिए बीज उपचार:

 जड़ गलन रोग की रोकथाम के लिए सामान्य बीज उपचार के बाद 2 ग्राम बाविस्टिन प्रति कि.ग्रा. बीज के हिसाब से सूखा उपचार करें । यह उपचार 40-50 दिन तक ही फसल को बचा सकता है।

दीमक का उपचार :

दीमक की रोकथाम के लिए  उपर्युक्त उपचार के बाद बीज को थोड़ा सुखाकर 10 मि.ली. क्लोरपार्इरीफास 20 र्इ.सी. 10 मि.ली. पानी प्रति किलो बीज की दर से मिलाकर थोड़ा-थोड़ा बीज पर छिड़कें व अच्छी तरह मिलाएं तथा बाद में 30-40 मिनट बीज को छाया में सुखा कर बिजार्इ करें।

सूत्रकृमि की रोकथाम के लिए बीज उपचार : सूत्रकृमि से प्रकोपित खेतों में कपास की बिजार्इ से पहले 5-6 कि.ग्रा. बीज को 50 मि. ली. बायोटीका (जी. डी.-35-47) से उपचारित करें।

ध्यान दे यदि खेतों में दीमक व जड़गलन की समस्या हो तो पहले बीज को दीमक की  उपर बताई दवा से उपचारित करे व बाद में जड़गलन के बचाव के लिए उपर बताई दवा से बीज को उपचारित करे